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क्यों?


आज जानना चाहती हु की क्यों हैं ऐसा?

जब यहाँ सबके लिए कोई है, तो हमेशा किसी ना किसी की कहानी अधूरी क्यों?

जब यहाँ सब कुछ पहले से तय है, तो हुम जिसको चाहे वो किसी और का क्यों?

क्यों?

हमेशा किसीका दिल टूटना ज़रूरी सा हैं?

क्यों?

हम सच से डरकर लोगों को अंधेरे में रखते हैं?

क्यों? 

अपने प्यार की खुशी के लिए उन्हें किसी और का होने देते हैं?

क्यों?

सच और गलत समझ नही पाते हैं? 

क्यों?

किसी और को खुदसे बढ़कर समझने लगते हैं?

क्यों?

जिसके लिए आंसू बहाये वो किसी और का नूर बने ?

क्यों?

हम खुदकी ख़ुशियों को भूलकर किसी और को खुश करने में जुटजते हैं?

क्यों?

उसकी पसंद की चीज़ें अपनाने लगते है?

क्यों?

एक झलक में ही उन्हें खुदा मान बैठते हैं?

क्यों?

उन्ही से प्यार कर बेठते है, जो किसी और के होते हैं?

क्यों? 

प्यार में जीत के भी जीत नही और हार के भी हार नही?

क्यों?

उस एक हँसी से हम ज़िन्दगी की खुशियाँ संझोरने लगते हैं?

क्यों?

हम किसी और को हक़ दे बैठते , अपने दिल के साथ खेलने का?

क्यों?

आखिर क्यों???? क्या यहाँ कोई ऐसा नही जो जज़्बातों को समझे !

दिल तोड़ने की इस दुनिया में , हक़ीकत का स्वपन बनके?

आखिर क्यों??

उन खिल - खिलाती नकली हँसी के पीछे की उदासी कोई क्यों नही देख पाता, क्यों?

मेरी आँखें भर आती हैं,

किसीका रिश्ता टूटते देख

किसीके सपने टूटते देख

किसीका दिल टूटते देख

आज कल तो ये लगने लगा है जैसे , में ही इस दुनिया का दर्द समझने लगी हूँ।

 

About the Author


Priyanka (प्रियंका) Mishra is a student, Influencer, writer and a blogger. She is a 17 years old, writing blogs on her Instagram page priyankamishra_17



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