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न तुम समझे,न हम समझे !


पर शायद न तुम समझ सके,न हम समझे सके।

रोए तुम भी थे,रोए हम भी थे।

पर शायद न तुम समझ सके,न हम समझे सके।

􀇑दिल टूटा तुम्हारा भी था। 􀇑दिल टूटा हमारा भी था।

पर शायद न तुम समझ सके।न हम समझ सके।

छोड़कर तन्हाई म􀉅 पहले तुम हमें􀉅 गए,

पर जब तक एहसास हुआ तुम्हे􀉅,आए तुम लौटकर

दोबारा हमारे पास, पर तब तक देर काफ􀈧 हो चुक􀈧 थी.

बात तो वक्त वक्त की है, पर शायद न तुम समझ सके,

न हम समझ सके।

􀃜प्यार शायद तभी तुमको हमसे था, और शायद हमको तुमसे था।

पर शायद न तुम समझ सके,न हम समझ सके।

बात कु छ यूँ हो गई हमारी􀈣,की फिर बात ही ख़तम हो गई।

पर शायद न तुम समझ सके,न हम समझ सके।

बातें􀉅 बहुत सी तुमको भी हमसे कहनी थी,और बातें􀉅 बहुत

सी हमको भी तुमसे कहनी थी।देखा तो हमने एक-दूसरे की􀈧

तरफ.पर तुम मुड़ गये अपने रास्तें, अ◌ौर हम अपने रास्तें

और बातें􀉅􀉅 सब अनकही रह गयी।

 क्यूंकि शायद न तुम समझ सके,न हम समझ सके।


नेहा द्विवेदी

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